हमारे बारे में


संकल्प
सभी अंशधारकों के मूल्य में वृद्धि करते हुए सबसे पसन्दीदा और विश्वसनीय बैंक बनना.
ध्येय
अपनी उत्कृष्ट सेवा और बेहतरीन वित्तीय समाधानों की व्यापक श्रृंखला के साथ ग्राहकों को आनंदित करना ;
कॉरपोरेट और इंफ्रास्ट्रक्चर वित्तपोषण में उत्कृष्टता को बनाये रखते हुए रिटेल क्षेत्र में अपनी पहुंच बढ़ाकर अधिक से अधिक लोगों के जीवन से जुड़ना ;
नैतिक, पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से कार्य करते हुए कॉरपोरेट अभिशासन के लिए आदर्श मॉडल बनना ;
कारोबार कार्यकुशलता में सुधार लाने और ग्राहक की अपेक्षाओं पर खरे उतरने के लिए विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी, प्रणालियों तथा प्रक्रियाओं का प्रयोग करना ;
हरित संरक्षी बैंक बनने के लिए निरंतर प्रयास करना .
विश्व स्तर पर पहुंच को बढ़ाना ;
कर्मचारियों को अभिप्रेरित करने, विकसित करने और कर्मठ एवं प्रतिबद्ध मानव संसाधन तैयार करने के लिए सकारात्मक, सक्रिय एवं कार्य-निष्पादन आधारित कार्य-संस्कृति को प्रोत्साहित करना ;
कंपनी प्रोफ़ाइल
आईडीबीआई बैंक भारत के शीर्ष और सबसे तेज गति से प्रगति करने वाले बैंकों में से है. बैंक सभी ग्राहक खंडों को उत्पाद और सेवाओं की व्यापक शृंखला प्रदान करता है. हम लगातार अपने ग्राहकों के मूल्य में संवर्धन तथा बैंकिंग क्षेत्र में सर्वोत्तम वित्तीय सेवाओं के साथ भारत के सबसे सुविधाजनक और पसंदीदा बैंक के रूप उभरने का प्रयास करते हैं.
आईडीबीआई बैंक को अपनी पूर्ववर्ती संस्था भारतीय औद्योगिक विकास बैंक, जो 01 जुलाई 1964 से 30 सितंबर 2004 तक उद्योग के क्षेत्र में एक शीर्ष विकास वित्तीय संस्था (डीएफ़आई) रही, से परंपरा के रूप में एक संपन्न विरासत मिला है. डीएफ़आई के रूप में पूर्ववर्ती आईडीबीआई ने अपने कारोबार में सेवाओं की शृंखला शामिल करने के लिए केवल परियोजना वित्तपोषण के क्षेत्र से बाहर निकल कर अपने कैनवास को व्यापक बनाया जिससे उद्योगों के संतुलित भौगोलिक विस्तार, चिह्नित पिछड़े क्षेत्रों के विकास, उद्यमों में नए उत्साह के आविर्भाव और एक संजीदा और मजबूत पूँजी बाज़ार के विकास को बल मिला.
01 अक्तूबर 2004 को, पूर्ववर्ती आईडीबीआई को बैंकिंग क्षेत्र के सम्पूर्ण कार्यकलापों को कार्यान्वित करने के लिए आईडीबीआई लिमिटेड के रूप में परिवर्तित कर दिया गया तथा इसकी निष्पक्ष डीएफ़आई भूमिका को जारी रखा गया. अपने कारोबार की संवृद्धि की महत्त्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए आईडीबीआई बैंक लिमिटेड ने अपनी सहायक संस्थाओं पूर्ववर्ती आईडीबीआई बैंक, आईडीबीआई होम फ़ाइनेंस लिमिटेड, आईडीबीआई गिल्ट्स तथा पूर्ववर्ती यूनाइटेड वेस्टर्न बैंक को कुछ समय अंतराल के साथ अपने में विलय किया. अपने व्यापक कारोबार संबंधी कार्यकलापों को प्रदर्शित करने के लिए आईडीबीआई लिमिटेड ने अपना नाम बदल कर आईडीबीआई बैंक लिमिटेड रख लिया.
आईडीबीआई में हम संवृद्धि में विश्वास करते हैं जो सख्या से परे हो. हमने अपने व्यापक शृंखला वाली बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से असंख्य लोगों के दिल में अपनी जगह बनाई है.
आईडीबीआई बैंक की पहचान भारत के अग्रणी और सबसे तेज गति से प्रगति करने वाले बैंक के रूप में की जाती है. हम बैंकिंग समाधानों के संबंध में अत्यंत सकेंद्रित दृष्टिकोण के साथ ग्राहक केन्द्रित संबंध में विश्वास रखते हैं.
आईडीबीआई बैंक, अपने हितधारकों के मूल्य में संवृद्धि करते हुए, अपने को ‘सबसे पसंदीदा और विश्वसनीय बैंक’ के रूप में स्थापित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
55+
वर्षों
1 जुलाई 1964 से बैंकिंग समाधान प्रदान करने के लिए
1890+
शाखाओं
पूरे भारत में
3300+
एटीएम
पूरे भारत में
₹2,97,764
करोड़
31 मार्च, 2021 को बैलेंस शीट का आकार
हमारा सफर
निदेशक मंडल
कार्यपालक निदेशक
You can now
Download Our Statute
वित्तीय रिपोर्ट
नई पीढ़ी का सरकार के स्वामित्व वाला बैंक
इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक लिमिटेड (अब आईडीबीआई बैंक लि. के रूप में पुनर्नामित) का निगमन कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत एक लिमिटेड कंपनी के रूप में हुआ था जिसे कंपनी रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र, मुंबई के दिनांक 27 सितंबर 2004 के निगमन प्रमाणपत्र द्वारा पंजीकृत किया गया है. आईडीबीआई बैंक लि. के संस्थागत अंतर्नियमों के अनुसार केंद्र सरकार कंपनी की शेयरधारक होगी तथा उसका अंश कंपनी की चुकता पूंजी से कभी भी 51% से कम नहीं होगा. शेयरधारिता स्वरूप पर विचार करते हुए आईडीबीआई बैंक को "सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंक" नामक नए उप-समूह के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है. ".
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने 15 अप्रैल 2005 के पत्र डीबीओडी.बीपी.1630/21.04.152/2004-05 द्वारा यह पुष्टि की है कि आईडीबीआई लिमिटेड (अब आईडीबीआई बैंक लि. के रूप में पुनर्नामित) को सरकार के स्वामित्ववाला बैंक माना जाए.
वित्त मंत्रालय ने दिनांक 31 दिसंबर 2007 के परिपत्र सं. एफ नं. एफ नं. 7/96/2005-बीओए द्वारा भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/ विभागों को यह सूचित किया है कि बैंक को सरकारी विभागों / सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों / अन्य संस्थाओं द्वारा जमा/ बांड / निवेश / गारंटी आदि सहित सभी प्रयोजनों व सरकारी कारोबार की दृष्टि से राष्ट्रीयकृत बैंकों / भारतीय स्टेट बैंक के समतुल्य समझा जाए.
आय कर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (23डी) में वित्त अधिनियम, 2009 द्वारा संशोधन के बाद `सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक' अभिव्यक्ति में`सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंक' शामिल हैं.