सिंडिकेशन और सलाहकारी सेवाएं

अवलोकन

आईडीबीआई बैंक ने इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र और गैर-इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र दोनों में ही बड़ी संख्या में भारत की कंपनियों को सहायता प्रदान की है. आईडीबीआई बैंक ने बिजली/ऊर्जा, सड़क, बंदरगाह, एयरपोर्ट, शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर, रसायन, फर्टिलाइज़र्स, फार्मस्कूटिकल्स (औषधीय), इस्पात, कागज, सीमेंट, वस्त्रोद्योग, चीनी और अन्य क्षेत्र में कई कंपनियों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. कारपोरेट बैंकिंग पोर्टफोलियो के अंतर्गत आईडीबीआई बैंक इन्फ्रास्ट्रक्चर और उससे संबंधित क्षेत्रों में कंपनियों को विशेषज्ञ सलाहकारी सेवाएं प्रदान करता है.

कारपोरेट बैंकिंग के अंतर्गत आईडीबीआई बैंक द्वारा प्रदान की गई सेवाओं में परियोजना मूल्यांकन,ऋण/इक्विटी समूहन, वित्तीय/मर्चेन्ट मूल्यांकन, कारपोरेट/वित्तीय सलाहकारी सेवाएं, प्रतिभूतिकरण और संरचित योजनाएं, आईपीओ निगरानी और कार्बन क्रेडिट सलाहकारी सेवाएं शामिल हैं.

ग्राहकों की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए उनकी जरूरत के अनुसार उत्पाद और समाधान विकसित करने पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है–

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परियोजना मूल्यांकन

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समूहन

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कारपोरेट सलाहकारी

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पर्यावरण सेवाएं

परियोजना मूल्यांकन

आईडीबीआई बैंक परियोजनाओं की सतत विकास क्षमता का आंकलन करने के लिए तकनीकी, वाणिज्यिक, वित्तीय, आर्थिक और प्रबंध संबंधी मूल्यांकन के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर कार्य करता है.

आईडीबीआई बैंक को बड़ी परियोजनाओं के मूल्यांकन में उत्कृष्ट दक्षता हासिल है और इसने विगत तमाम वर्षों में इस क्षेत्र में परियोजनाओं के मूल्यांकन में साख अर्जित की है, जिसे बैंकिंग जगत द्वारा सहर्ष स्वीकार किया जाता है. परियोजना मूल्यांकन विभाग (पीएडी) के पास सुशिक्षित व अनुभवी व्यावसायिकों की एक समर्पित टीम है जिनके पास बृहद इन्फ्रास्ट्रक्चर और गैर-इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का मूल्यांकन करने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य प्रमुख उद्योगिक क्षेत्र के तकनीकी, वित्तीय, कानूनी और वित्तीय पहलुओं का विशद ज्ञान है.

कारपोरेट जगत आईडीबीआई बैंक से अपनी परियोजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए ऋण सुविधाएं प्राप्त करने के अलावा उनका विस्तृत मूल्यांकन करने के लिए संपर्क करता है ताकि वे अपनी नयी परियोजनाओं की बोली लगाने, आस्ति अधिग्रहण, कारोबार योजना बनाने अथवा विनिवेश संबंधी मसलों पर निर्णय ले सकें. आईडीबीआई बैंक इंडियन ऑइल, एचपीसीएल, ओएनजीसी, नेल्को, एनएचपीसी एनटीपीसी एसएआईएल जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख उपक्रमों और अन्य उद्योगिक घरानों जैसे अदित्या बिरला ग्रुप, जीएमआर ग्रुप, टाटा ग्रुप और वीडियोकॉन ग्रुप आदि को उनकी विभिन्न परियोजनाओं के लिए ये सेवाएं प्रदान करता रहा है.

सिंडिकेशन

परिचय

सभी बड़ी कंपनियों को उनकी परियोजनाओं के समय पर वित्तीय समापन के लिए ऋण और इक्विटी के जरिये बड़ी मात्रा में निधियों की आवश्यकता होती है. आईडीबीआई बैंक उन्हें बड़ी मात्रा में बैंकिंग उत्पाद उपलब्ध करने के अलावा विशेषज्ञ समूहन सेवाएं प्रदान कर उन्हें अपने लक्ष्य पूरे करने में सहायता देता है. आईडीबीआई बैंक सिंडिकेशन प्रक्रिया ऋण कार्यक्रम में ऋण का सबसे बड़ा हिस्सा खुद प्रदान कर अग्रणी बैंक की भूमिका निभाता है. चूंकि आईडीबीआई बैंक अग्रणी बैंक की भूमिका निभाता है इसलिए इसका समुचित ऋण समूहन प्रक्रिया पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. बैंक कारपोरेट ग्राहकों की किसी भी आवश्यकताओं के लिए विदेशी मुद्रा ऋणों के लिए ऋण समूहन करता है.

आईडीबीआई बैंक में ऋण समूहन, संरचना और सलाहकारी विभाग (एसएसएडी) है जिसके जरिये बैंक अपने ग्राहकों को व्यापक वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है. बैंक 2006 से विभिन्न कंपनियों को उनकी परियोजनाओं और परिचालनों के लिए वित्तीय सहायता (मीयादी ऋण और कार्यशील पूंजी दोनों) की व्यवस्था कर अपनी ऋण समूहन सेवाएं प्रदान करता रहा है. एसएसएडी के पास सुशिक्षित और अनुभवी व्यवसायिकों की एक बढ़िया टीम है जो ग्राहकों की विशेष जरूरतों का ध्यान रखती है और तुरंत समाधान प्रदान करती है. यह टीम पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य करती है और परियोजनाओं के जोखिम पहलू पर संतुलित दृष्टिकोण अपनाती है.

आईडीबीआई बैंक को कैलंडर वर्ष 2012 के लिए भारत में ऋण के लिए दूसरा सबसे बड़ा अधिदेश व्यवस्थापक का दर्जा दिया गया है.

अपनी शुरुआत से सिंडिकेशन टीम ने 100 से अधिक सौदे पूरे किए हैं जिनकी कुल ऋण राशि 2 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक है. रिलायंस, आदित्य बिरला, एस्सार, वेदान्त, टाटा, अदानी, भारती, जेपी, वीडियोकॉन और हिंडाल्को जैसे प्रमुख औद्योगिक घरानों ने अपनी परियोजनाओं के लिए आईडीबीआई की ऋण जुटाने की क्षमता पर भरोसा दर्शाया है.

आईडीबीआई बैंक ऋण सिंडिकेशन के क्षेत्र में एक अग्रणी खिलाड़ी के रूप में उभरा है और इसका सरकारी क्षेत्र तथा निजी क्षेत्र के बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के साथ उत्कृष्ट कार्य संबंध हैं. एसएसएडी टीम द्वारा तैयार परियोजना संबंधी सूचना ज्ञापनों को सहभागी बैंकरों तथा वित्तीय संस्था द्वारा सहर्ष स्वीकार किया जाता है. इन तमाम वर्षों में बैंक ने लगभग सभी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के साथ अच्छे संबंध विकसित किए हैं जिसके चलते वह उन्हें अपने द्वारा समूहित परियोजनाओं की सुदृढ़ता के संबंध में सहमति बनाने में सक्षम रहा है. एसएसएडी टीम के अधिकारियों को ग्राहकों की दस्तावेजीकरण संबंधी आवश्यकताओं में विशेषज्ञता हासिल है जो यह सुनिश्चित करते हैं कि सहायता की शर्तों और उधारदाता की प्रसंविदाओं के बीच तारतम्य हो.

योजनाएं और सेवाएं

  • रुपया ऋण सिंडिकेशन (मीयादी ऋण और कार्यशील पूंजी)
  • ऋण की हामीदारी
  • ईसीबी, एफसीसीबी, ईसीए और अन्य प्रकार के विदेशी मुद्रा निधियन की व्यवस्था
  • इक्विटी सिंडिकेशन/निजी इक्विटी का नियोजन
  • विलय और अधिग्रहण निधिकरण की व्यवस्था
  • बांडों /डिबेंचरों/अधिमानी शेयरों की निजी व्यवस्था
  • वित्तीय-पैकेजों का मूल्यांकन और संरचना

प्रक्रिया

समूहन की प्रक्रियाँ निम्नलिखित चरणों में पूरी की जाती है:

  • ग्राहकों की जरूरतों को समझना और उचित वित्तीयन ढांचा तैयार करना
  • मूल्यांकन और विस्तृत समुचित सावधानी
  • सूचना ज्ञापन (आईएम) तैयार कर परिचालित करना
  • सुविधाओं की समय पर मजूरी सुनिश्चित करने के लिए ऋणदाताओं / निवेशकों के साथ समन्वय
  • सभी ऋणदाताओं / निवेशकों में निबंधनों और शर्तों को सुसंगत करना
  • दस्तावेजीकरण

आईडीबीआई से लाभ

  • अंतर्राष्ट्रीय विश्वसनीय बैंक
  • सुदृढ़ विकास बैंकिंग और आधुनिक वाणिज्यिक बैंकिंग के अनूठे संयोजन वाली बैंकिंग कंपनी
  • चार दशकों से अधिक समय से मझौले और बृहद स्तरीय परियोजनाओं के निधिकरण में विशेषज्ञता
  • सभी प्रकार की कॉरपोरेट आवश्यकताओं को एक ही स्थान पर पूरा करने की सुविधा
  • सभी संरचनागत और औद्योगिक परियोजनाओं को वित्तपोषण में क्षेत्र विशेषज्ञता
  • समुचित सावधानी से लेकर वित्तीय व्यवस्था तक संपूर्ण समाधान की उपलब्धता
  • सुदृढ़ मूल्यांकन क्षमताएं
  • उधारकर्ताओं / निवेशकों में अच्छी साख और स्वीकार्यता
  • परियोजना संबंधी सभी आवश्यकताएं अर्थात् निधि आधारित, गैर-निधि आधारित तथा सेवाएं अर्थात् टीआरए खाता, न्यासधारिता आदि एक ही स्थान पर पूरी की जाती हैं.
  • बड़ा ऋण जोखिम उठाने के लिए सुदृढ़ तुलना-पत्र
  • समूहन के लिए बैंकिंग समुदाय के साथ सुस्थापित गहरे संबंध
  • सहभागियों की आवश्यकताओं को सुसंगत बनाने और संव्यवहार को शीघ्र पूरा करने की क्षमता
  • बड़े मूल्य के समूहन पर कार्रवाई करने हेतु अनुभव सहित पारदर्शी प्रक्रिया.

उद्योग विशेषज्ञता

आईडीबीआई अपने प्रारम्भ से ही लगभग सभी उद्योगों के साथ घनिष्ठतापूर्वक कार्य कर रहा है. विभिन्न उद्योगों से लंबे समय से जुड़े रहने के कारण विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में हमारी कोर क्षमता में वृद्धि हुई है. जिन क्षेत्रों में आईडीबीआई ने समूहन का कार्य किया है, उन उद्योगों की सूची निम्नानुसार है:

कॉरपोरेट सलाहकार सेवाएं

बुनियादी संरचना क्षेत्र और संबद्ध क्षेत्रों में सुदृढ़ क्षेत्र जानकारी के कारण और संरचनागत क्षेत्र में कार्यरत कारपोरेटों के लिए सलाहकारी सेवाएं उपलब्ध कराने में आईडीबीआई बैंक अग्रणी है. आईडीबीआई बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली सलाहकारी सेवाओं में परियोजना का व्यापार मूल्यांकन, आस्तियों का अभिग्रहण/बिक्री, कारोबार मूल्यांकन और सड़क क्षेत्र में पीपीपी परियोजनाओं हेतु बोली पूर्व सलाहकारी सेवाएं शामिल हैं.

सेबी द्वारा आईडीबीआई को उन कॉरपोरेटों के आईपीओ की निगरानी के लिए एजेंट के रूप में अनुमति दी गई है, जो रु.500 करोड़ से अधिक मूल्य के इक्विटी शेयरों का सार्वजनिक निर्गम बाजार में पेश करते हैं.

आईडीबीआई से लाभ

  • परियोजन मूल्यांकन / व्यापार मूल्यांकन
  • परियोजन सलाहकारी सेवाएं (बोली पूर्व एवं बोली पश्चात चरण)
    • बोली दस्तावेजों की संवीक्षा और उन पर टिप्पणियां
    • वित्तीय मॉडल की संवीक्षा और उन पर टिप्पणियां
    • वित्तीय मॉडल तैयार करना, यदि आवश्यक हो
    • समुचित वित्तीय संरचना के बारे में सलाह
    • जोखिमों का मूल्यांकन और उसे कम करने हेतु सुझाव देना
    • बोली को अंतिम रूप देने में सहायता
    • परियोजना के लिए निधियों की व्यवस्था
  • आईपीओ निगरानी
  • प्रतिभूतिकरण
  • विलय एवं अधिग्रहण संबंधी सलाहकारी सेवाएं
    • क्रय एवं विक्रय के लिए लक्ष्य अभिनिर्धारित करना
    • समुचित सावधानी
    • कारोबार / शेयर मूल्यांकन
    • संव्यवहार संघटन
    • निधियों की व्यवस्था
  • शेयर / कारोबार मूल्यांकन
  • कॉरपोरेट / कारोबार / वित्तीय पुनर्संरचना
  • कार्बन क्रेडिट सेवाओं के लिए सलाहकारी
  • विदेशी अभिग्रहण के लिए सलाहकारी
पर्यावरण सेवाएं

आईडीबीआई बैंक ने पर्यावरण बैंकिंग के क्षेत्र में भारतीय बैंकिंग जगत में अग्रणी भूमिका निभायी है और इस क्षेत्र में यह 20 वर्षों से अधिक समय से कार्य कर रहा है.

आईडीबीआई बैंक ने जलवायु परिवर्तन संबंधी मुद्दों और विशेष रूप से ग्राहकों को कार्बन क्रेडिट संबंधी सलाहकरी सेवाएं प्रदान करने हेतु विशिष्ट समूह बनाया है ताकि वे स्वच्छ विकास व्यवस्था (सीडीएम)/ क्योटो प्रोटोकोल के कार्बन क्रेडिट एवं स्वैच्छिक उत्सर्जन न्यूनीकरण (वीईआर) प्राधिकारियों से संपर्क कर सकें.

इस समूह ने कार्बन क्रेडिट प्राप्तियों पर अपफ्रंट वित्तपोषण प्रदान करने के लिए एक सुविन्यस्त उत्पाद तैयार किया है. भारतीय परियोजना विकासकों ने इस उत्पाद को हाथों-हाथ लिया है. स्वच्छ विकास व्यवस्था (सीडीएम) और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उपलब्ध सेवाओं के विवरण देखने के लिए यहाँ क्लिक करें.

वर्तमान में, आईडीबीआई बैंक, विश्व बैंक और भारत सरकार से मिलकर ओज़ोन डिप्लीटिंग सबस्टैन्स (ओडीएस) फेज आउट परियोजनाओं और भारत में चिलर ऊर्जा कार्यकुशलता परियोजना (आईसीप) का कार्यान्वयन कर रहा है. कार्बन क्रेडिट समूह, उच्च कार्बन उत्सर्जक चिलरों के स्थान पर ऊर्जा कार्यकुशल न्यूनतम कार्बन उत्सर्जक चिलरों को स्थापित करने के लिए भारत के चिलर उपभोगताओं को सम्पूर्ण समाधान प्रदान करने के लिए विश्व बैंक के साथ मिलकर कार्य कर रहा है. सीप के उद्देश्य दोहरी प्रकृति के हैं अर्थात् मोंट्रियल प्रोटोकॉल के अंतर्गत ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन को कम करना और ओजोन परत का क्षय करनेवाले पदार्थ क्लोरोफ़्लूरो कार्बन (सीएफसी) के उपयोग को चरणबद्ध रूप से खत्म करने में सहायता करना. यह परियोजना भारत में सभी चिलर मालिकों की कठिनाइयों जैसे, मौजूदा सीएफसी आधारित ऊर्जा अक्षम चिलरों को प्रतिस्थापित करने के लिए अप-फ्रंट पूंजीगत लागत और अनुभव तकनीकी जोखिमों, से निपटने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए वैश्विक पर्यावरण सुविधा (जीईएफ) और ओज़ोन ट्रस्ट फंड (ओटीएफ) के माध्यम से विश्व बैंक द्वारा प्रदत्त अनुदान निधियों के जरिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है. आईसीप के विवरण देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

आईडीबीआई बैंक “आईडीबीआई कार्बन विकास” नामक एक मासिक न्यूजलेटर भी प्रकाशित करता है. इस पत्रिका में, हाजिर (स्पॉट) और वायदा (फ्युचर) बाजार में प्रमाणित उत्सर्जन न्यूनीकरण (सीईआर) के कीमत निर्धारण का विश्लेषण, सीडीएम परियोजना रजिस्ट्रेशन की स्थिति और कार्बन बाजार में धरित होने वाले विभिन्न घटनाक्रमों, नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र (आरईसी) की खरीद-फरोख्त और भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई कार्य-निष्पादन, सफलता अर्जन और लेन-देन (पीएटी) व्यवस्था जैसे विषयों का समावेश है.

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