संपत्ति की जमानत पर ऋण

संपत्ति की जमानत पर ऋण संबंधी प्रश्न- आईडीबीआई बैंक संपत्ति की जमानत पर ऋण एफएक्यू

आप सट्टेबाजी और प्रतिबंधित कार्यकलापों को छोड़ कर आवासीय व वाणिज्यिक संपत्ति के विरुद्ध निजी अथवा कारोबारी कार्यकलापों के लिए ऋण ले सकते हैं.

आईडीबीआई आपकी चुकौती क्षमता के आधार पर ऋण राशि का निर्णय लेगा. चुकौती क्षमता के निर्धारण के लिए आमदनी, उम्र, शिक्षा, आश्रितों की संख्या, पति/पत्नी की आय, आस्तियां, दायित्व, व्यवसाय का स्थायित्व,निरंतरता व बचत इतिहास पर विचार किया जाता है. तथापि ऋण राशि संपत्ति मूल्य के 85 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी.

आप ऋण के लिए अपने पति/ पत्नी को सह-आवेदक बना सकते हैं. ऋण राशि को बढ़ाने के लिए उसकी आय को जोड़ा जा सकता है. तथापि संपत्ति के सह-स्वामी अनिवार्य रूप से सह-आवेदक होने चाहिए.

प्रोसेसिंग शुल्क आवेदित ऋण राशि का 1.00% तक हो सकता है.

ब्याज की गणना दैनिक घटते शेष पर की जाती है. आपका मासिक भुगतान (समान मासिक किश्त- ईएमआई) वार्षिक घटते शेष पर ब्याज की तुलना में बहुत कम होता है.

आप ऋण की चुकौती अधिकतम 15 वर्षों में कर सकते हैं. चुकौती सामान्यतः रिटायरमेंट आयु (यदि आप नौकरी में हैं) अथवा 60 वर्ष की उम्र, दोनों में जो भी पहले हो से अधिक नहीं बढ़ाई जा सकती. तथापि आईडीबीआई का प्रयास रहेगा कि चुकौती अवधि का निर्धारण आपकी सुविधानुसार हो.

आप ऋण की चुकौती समान मासिक किश्तों - ईएमआई में करते हैं जिसमें मूल व ब्याज शामिल है. ईएमआई चुकौती पूरा संवितरण लेने के अगले महीने से प्रारंभ होगी.

अंतिम संवितरण के लंबित रहने तक आप संवितरित ऋण के हिस्से पर ब्याज का भुगतान करेंगे. इस ब्याज को पूर्व-ईएमआई ब्याज कहा जाता है. पूर्व-ईएमआई प्रत्येक संवितरण की तिथि से ईएमआई के प्रारंभ होने तक हर महीने देय होता है.

ऋण की प्रतिभूति वित्तपोषित संपत्ति के प्रथम बंधक से की जाएगी, सामान्यतः हक विलेख और/ अथवा ऐसी अन्य संपार्श्विक प्रतिभूति जो भी जरूरी हो, को जमा किया जाता है. यदि बैंक जरूरी समझे तो ऋण की प्रतिभूति के रूप में संपार्श्विक प्रतिभूति के लिए बीमा पॉलिसी को समनुदेशित अथवा ऐसे समनुदेशनीय वित्तीय लिखतें भी अपेक्षित होती हैं.

कृपया सुनिश्चित करें कि संपत्ति का हक स्पष्ट, विपणनीय और भार-मुक्त हो. यानि कि संपत्ति पर कोई भी बंधक, ऋण अथवा मुकदमेबाजी न हो जिससे उसके हक विलेख पर विपरीत असर पड़ता हो.

हां. आप निर्धारित अवधि से पहले ऋण की चुकौती कर सकते हैं॰ यदि ऋणकर्ता अपने स्वयं के स्रोतों से ऋण राशि का भुगतान करता है तो अंतिम संवितरण से 6 माह की समाप्ति के बाद कोई पूर्व भुगतान/प्रतिबंधात्मक शुल्क नहीं है॰

आपको सुनिश्चित करना होगा कि ऋण अवधि के दौरान आईडीबीआई की अपेक्षानुसार संपत्ति का आग व अन्य संगत जोखिमों से भलीभांति बीमा कराना होगा और प्रति वर्ष /अथवा जब भी मांगा जाए, उसका प्रमाण बैंक को प्रस्तुत करना होगा.

हां. समय-समय पर इन पॉलिसियों की समीक्षा की जाएगी.

निवासी स्थिति के आधार पर आवेदक ( कों ) की चुकौती क्षमता का फिर से आकलन किया जाता है और संशोधित चुकौती अनुसूची तैयार की जाती है. नयी ब्याज दर निवासी भारतीय ऋणों पर लागू वर्तमान ब्याज दर (विशिष्ट ऋण उत्पाद के लिए) के अनुसार होगी. संशोधित ब्याज दर परिवर्तित बकाया शेष राशि पर लागू होगी. स्थिति में परिवर्तन होने पर उसकी पुष्टि करते हुए ग्राहक को पत्र दिया जाता है.