प्राप्य राशियों की खरीद - आईडीबीआई बैंक प्राप्य राशियों की खरीद का आश्रय (रीकोर्स)

प्राप्य राशियों की खरीद के आश्रय का मुख्य उद्देश्य, देशी प्राप्य राशियों को नकदी में परिवर्तित कर कार्यशील पूंजी वित्त सुविधा प्रदान करना है तथा इस तरह से कंपनियों को नकदी प्रवाह और कार्यशील पूंजी की कमी से निबटने के लिए मदद करना है. इस योजना के तहत बैंक आपूर्तिकर्ताओं (प्राप्तियों के बड़े पूल के साथ) को देशी व्यापार प्राप्य राशियों पर (प्राप्य राशियों की आयु 90 दिन से अधिक नहीं होनी चाहिए) केवल अग्रिम प्रदान करती है तथा अन्य सेवाएँ जैसे ऋण संग्रहण और बिक्री खाता बही का प्रशासन आदि कंपनी द्वारा किया जाएगा॰


आपूर्तिकर्ता / उधारकर्ता विनिमय बिल/आपूर्ति माल के बीजक बनाएँगे तथा खरीदार उसे स्वीकार करेगा. विनिमय बिल / बीजक की स्वीकृति के बाद, बैंक प्राप्य राशियों के रियायती मूल्य पर प्राप्य राशियों की अवधि के लिए, अग्रिम देगा. यदि खरीदार नियत दिनांक पर देय राशि का भुगतान करने में विफल रहता है तो आपूर्तिकर्ता को भुगतान करना होगा. उधारकर्ता / आपूर्तिकर्ता कंपनी, इस बात की पुष्टि करते हुए कि दस्तावेजी सबूत कंपनी के पास हैं, प्राप्य राशियों की सूची प्रस्तुत करेगी. अग्रिम उपलब्ध कराने से पहले कर्ज प्रदान करने के लिए आपूर्तिकर्ता के साथ एक करार किया जाएगा. आपूर्तिकर्ता / उधारकर्ता को भी बैंक के साथ ऋण की वसूली के लिए एजेंसी करार करना चाहिए.