लदानोत्तर ऋण का आशय -निर्यातकों को आईडीबीआई बैंक पैकिंग ऋण

निर्यातकों को आईडीबीआई बैंक पैकिंग ऋण

निर्यातकों को अंतर्राष्ट्रीय तुलनीय ब्याज दरों पर अल्पावधि कार्यशील पूंजी वित्तपोषण योजना प्रदान की गयी है.

निर्यात ऋण के प्रकार :
  • पूर्व- लदान निर्यात ऋण / पैकिंग ऋण (आरपीसी/पीसीएफसी)

  • लदानोत्तर निर्यात ऋण – विदेशी मुद्रा (एफसीवाई) एवं रुपयों दोनों में.

पूर्व- लदान निर्यात ऋण / पैकिंग ऋण (आरपीसी/पीसीएफसी)

लदान-पूर्व / पैकिंग ऋण जिसे ‘पैकिंग ऋण’ भी कहा जाता है, एक प्रकार से निर्यातक को लदान पूर्व माल की खरीदी, प्रोसेसिंग, विनिर्माण या पैकिंग के लिए वित्तपोषण के लिए प्रदत्त ऋण / अग्रिम है. पैकिंग ऋण निर्यात या सेवाओं में जुटी कंपनियों को उनके द्वारा मजदूरी, उपयोगिता भुगतान, यात्रा खर्चों आदि पर किए गए व्यय की पूर्ति के लिए कार्यशील पूंजी सहायता के रूप में भी दिया जा सकता है. पैकिंग ऋण की मंजूरी साख पत्र के आधार पर अथवा भारत से सामान / सेवाओं के निर्यात के लिए पुष्टिकृत व अविकल्पी आदेश के आधार पर अथवा भारत से निर्यात के किसी भी आदेश के प्रमाण के आधार पर की जाती है.

लदानोत्तर निर्यात ऋण – विदेशी मुद्रा (एफसीवाई) एवं रुपयों दोनों में

लदानोत्तर ऋण का आशय बैंक द्वारा भारत से सामान / सेवाएं निर्यात करने वाले किसी व्यक्ति को दिये गए अग्रिम या ऋण है, जिसकी अवधी सामान के लदान / सेवाओं की प्रदायगी की तारीख से लेकर रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट वसूली की अवधि अथवा समय-समय पर भारत सरकार द्वारा अनुमत किए अनुसार निर्यात राशि की वसूली की तारीख तक के लिए रहती है. रिज़र्व बैंक के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार निर्यात राशि की वसूली के लिए अनुमत सीमा लदान की तारीख से 12 माह के भीतर है.